- डिंडौरीडॉटनेट की सूचना पर SP संजय सिंह ने मौके पर भेजी पुलिस टीम, परिवार के साथ पिकनिक मनाने और प्रतिमाओं की पूजा-अर्चना करने पहुंच रहे नागरिक
- प्राचीन सभ्यता के जानकार गाड़ासरई निवासी डॉ. विजय चौरसिया बोले- प्रशासनिक अनदेखी के कारण पहले भी नष्ट हो चुकीं अनमोल धरोहरें, अभी मौका है...
डिंडौरी के बजाग ब्लॉक की धनौली पंचायत में बीते दिनों मिले सैकड़ों साल पुराने पुरातात्विक अवशेष स्थल पर शुक्रवार को मेला लग गया। सीमा के अंदर नागरिकों ने टैंट लगाकर रामकीर्तन शुरू कर दिया और बाहर दुकानें सज गईं। इस क्षेत्र को ग्रामीणों ने मंदिर की ट्रीट करना शुरू कर दिया है। खुदाई में मिलीं बेशकीमती मूर्तियों पर अक्षत, फूल और जल चढ़ाकर पूजा-अर्चना की जा रही है। यह प्रशासन के लिए चिंता का विषय है क्योंकि ऐसे में धरोहरों का अस्तित्व संकट में पड़ जाएगा। इसकी सूचना डिंडौरीडॉटनेट ने SP संजय सिंह को दी, जिसके बाद उन्होंने मौके पर पुलिस की टीम भेजी। टीम ने अवशेष स्थल पर पुरातात्विक धरोहरों का अवलोकन किया और व्यवस्था संभाली। साथ ही सीमा के अंदर टैंट लगाकर धार्मिक आयोजन करने वाले नागरिकों को हिदायत भी दी। धनौली में बीते दिनों सैकड़ों साल पुराने पुरातात्विक अवशेष खुदाई के दौरान जमीन से निकले हैं। इनमें प्रमुख रूप से भगवान विष्णु, श्रीगणेश, शिवलिंग सहित अनेक देवी-देवताओं की मूतिर्यों का बेशकीमती संग्रह शामिल है। डिंडौरीडॉटनेट ने 11 जनवरी को 'डिंडौरी के बजाग ब्लॉक की धनौली पंचायत में मिले सैकड़ों साल पुराने पुरातात्विक अवशेष; भगवान विष्णु, श्रीगणेश, शिवलिंग सहित अनेक देवी-देवताओं की मूतिर्यों का बेशकीमती संग्रह' हेडिंग से खबर ब्रेक की थी। इसके बाद SP संजय सिंह ने पुरातत्व विभाग को धरोहरों के संरक्षण के लिए सूचित किया था। वह जल्द ही धनौली पहुंचकर व्यक्तिगत रूप से पुरातात्विक अवशेष स्थल का मुआयना करेंगे।
प्रशासनिक अनदेखी से लोगों के घरों की शोभा बढ़ा रहीं अमूल्य मूर्तियां
प्राचीन सभ्यता के जानकार गाड़ासरई निवासी डॉ. विजय चौरसिया ने डिंडौरीडॉटनेट को मौके से एक्सक्लूसिव तस्वीरें भेजी हैं। उन्होंने अवशेष स्थल का अवलोकर किया और बताया कि क्षेत्र में पुरातात्विक महत्व के करोड़ों वर्ष पुराने अवशेष बिखरे पड़े हैं, जो देखरेख के अभाव में नष्ट हो रहे हैं। प्रशासनिक अनदेखी के कारण कई मूर्तियां लोगों के घरों की शोभा बढ़ा रही हैं। धनौली गांव में कुछ समय पहले भी कल्चुरी कालीन भगवान विष्णु की विशालकाय प्रतिमा निकली थी, जो मंडला संग्रहालय में संरक्षित है। इसी तरह ग्राम धुर्रा में भी कल्चुरी कालीन बावड़ी स्थित है, जिसका अस्तित्व देख-रेख में अभाव के कारण लगभग खत्म हो चुका है। डॉ. चौरसिया ने कहा कि प्रशासन को जल्द से जल्द से पुरातात्विक अवशेष स्थल पर सख्त निगरानी रखकर धरोहरों का सरंक्षण करना चाहिए, वरना लोग ऐसे ही आते-जाते रहेंगे और प्राचीन मूतिर्यों सहित अन्य अवशेष धीरे-धीरे नष्ट हो जाएंगे।