DDN Exclusive | डिंडौरी के बजाग ब्लॉक की धनौली पंचायत में मिले सैकड़ों साल पुराने पुरातात्विक अवशेष, भगवान विष्णु, श्रीगणेश, शिवलिंग सहित अनेक देवी-देवताओं की मूतिर्यों का बेशकीमती संग्रह

  • प्राचीन सभ्यता के जानकार डॉ. विजय चौरसिया ने कहा : कल्चुरी कालीन समय का प्रमाण देते हैं अवशेष, पूर्व भी मिली भगवान विष्णु की प्रतिमा मंडला संग्रहालय में संरक्षित 

  • एसपी संजय सिंह बोले - डिंडौरी जिले की प्राचीन परंपरा और सभ्यता को सहेजने के लिए करेंगे प्रयास, पुरातत्व विभाग को देंगे धनौली में मिले अवशेषों की जानकारी

  • इंडियन काउंसिल ऑफ हिस्टोरिकल रिसर्च (ICHR), नई दिल्ली के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. सौरभ मिश्र ने कहा : प्रथम दृष्टया किसी विशाल मंदिर के अवशेष और स्थापत्य

सुरेंद्र साहू/रवि राज बिलैया | गाड़ासरई (बजाग)/डिंडौरी

डिंडौरी के बजाग ब्लॉक की धनौली पंचायत में सैकड़ों साल पुराने पुरातात्विक अवशेष मिले हैं। इनमें प्रमुख रूप से भगवान विष्णु, श्रीगणेश, शिवलिंग सहित प्राचीन भवनों के नक्काशीदार अवशेष शामिल हैं। ग्राम सरपंच नारायण सिंह बट्‌टे ने बताया कि खुदाई कार्य के दौरान धनौली में बेशकीमती प्रतिमाओं सहित सदियों पुराने अवशेष मिले हैं। डिंडौरी एसपी संजय कुमार सिंह ने डिंडौरीडॉटनेट से कहा कि जिले के विकास में इन पुरातात्विक अवशेषों का बड़ा महत्व है। पुलिस विभाग धनौली में मिले अवशेषों की जानकारी पुरातत्व विभाग को देगा और इन्हें संरक्षित करेगा। इन ऐतिहासिक धरोहरों को सहेजकर डिंडौरी को विश्व के प्रमुख पर्यटन स्थल में स्थान दिलाने की कोशिश की जाएगी। 


सरपंच नारायण सिंह बट्‌टे ने बताया, धनौली में क्या-क्या मिला

सरपंच नारायण सिंह बट्‌टे ने बताया कि धनौली में खुदाई कार्य कराया जा रहा था, जिसमें प्राचीन कालीन प्रतिमाओं सहित पुरातात्विक अवशेष और बड़े-बड़े भवनों की नक्काशीदार आकृतियां और पत्थर मिले हैं। भगवान गणेश, विष्णु, शिवलिंग समेत अन्य देवी-देवताओं की संरचनाओं ने लोगों को हैरत में डाल दिया है। यहां निकले शिवलिंग में प्राचीन समय में बनी जलहरी भी अंकित है। फिलहाल ग्रामीणों ने अवशेषों को चूने से पुताई कर बाउंड्री बना दी है। सरपंच ने बताया कि एक महीने पहले इसी स्थान पर खुदाई में भगवान विष्णु की प्रतिमा सहित पुराने समय के चांदी के सिक्के भी निकले थे। प्रतिमा को मंडला पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने संग्रहालय में संरक्षित कर दिया है। 

पूर्व में मिली थी भगवान विष्णु की प्रतिमा, मंडला संग्रहालय में संरक्षित

गाड़ासरई निवासी प्राचीन सभ्यता के जानकार डॉ. विजय चौरसिया ने डिंडौरीडॉटनेट को बताया कि गाड़ासरई-बजाग मार्ग पर करीब 08 किलाेमीटर दूर स्थित धनौली गांव में कुछ समय पहले कल्चुरी कालीन भगवान विष्णु की विशालकाय प्रतिमा निकली थी, जिसे मंडला संग्रहालय में संरक्षित किया गया है। धनौली क्षेत्र में पुरातात्विक महत्व की करोड़ों वर्ष पुराने अवशेष बिखरे पड़े हैं, जो देखरेख के अभाव में नष्ट हो रहे हैं। डॉ. चौरसिया ने कहा कि प्रशासनिक अनदेखी के कारण कई मूर्तियां लोगों के घरों की शोभा बढ़ा रही हैं। यहां महीनेभर पूर्व खुदाई के दौरान चांदी के प्राचीनकालीन सिक्के भी मिल चुके हैं। इसी तरह जिले के ग्राम धुर्रा में भी कल्चुरी कालीन बावड़ी भी है, जिसका अस्तित्व देख-रेख में अभाव के कारण लगभग खत्म हो चुका है।

डिंडौरी जिले में स्थित हैं एशिया महाद्वीप की तीन विशेषताएं

डॉ. विजय चौरसिया ने डिंडौरीडॉटनेट से खास बातचीत में कहा कि डिंडौरी जिले में एशिया महाद्वीप की तीन विशेषताएं स्थित हैं। इनमें से एक है- 14 करोड़ वर्ष पुरानी घटनाओं से परिचित कराता पुराजीवाश्म। दूसरा- बैगा जनजाति और तीसरा- साल वन। डिंडौरी जिला पुरातात्विक दृष्टि से काफी संपन्न और समृद्ध स्थान है। अगर प्रशासन इन खजानों की ओर ध्यान देकर धरोहरों का संरक्षण करे तो डिंडौरी को विश्वस्तर का पर्यटन स्थल बनाया जा सकता है। जिले के विभिन्न क्षेत्रों में गोंड, कल्चुरी और गुप्तकालीन पुरातात्विक अवशेष विद्यमान हैं। स्थानीय नागरिकों में जागरुकता की कमी और प्रशासनिक संरक्षण के अभाव के कारण इन ऐतिहासिक धरोहरों की जानकारी ज्यादा लोगों तक नहीं पहुंच पाई है। 

स्थापत्यकला के अनुसार पुरातन मंदिर के अवशेष होने का अनुमान

डिंडौरी जिले के विभिन्न क्षेत्रों में रहकर पीएचडी कर चुके इंडियन काउंसिल फॉर हिस्टोरिकल रिसर्च (ICHR) के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. साैरभ मिश्रा ने कहा कि बस्तर से लेकर यह इलाका सिंधु सभ्यता और हड़प्पा सभ्यता की विरासत से भरा पड़ा है। इसलिए पहली नज़र में यह भग्नावशेष उसी कालखंड में प्रतीत होते हैं। लेकिन प्रथम दृष्टया यह किसी विशाल मंदिर का प्राचीर और स्थापत्य मालूम होता है। धनौली सरपंच नारायण सिंह बट्‌टे ने बताया कि गांव में खुदाई कार्य में प्राचीन कालीन प्रतिमाओं सहित पुरातात्विक अवशेष और बड़े-बड़े भवनों की नक्काशीदार आकृतियां और पत्थर मिले हैं।


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