- 2015-16 के बजट में सैंक्शन हुआ था डिंडौरी में रेलवे लाइन सर्वे, 240 किलोमीटर के जबलपुर-पेंड्रा वाया डिंडौरी लाइन को मिली थी स्वीकृति
- बेहतर ट्रांसपोर्टेशन की कमी के कारण डिंडौरी को नहीं मिल रहा निवेश, रोजगार की कमी के चलते जिले से बाहरी शहरों में पलायन कर रहे ग्रामीण
डीडीएन रिपोर्टर | डिंडौरी
डिंडौरी में रेलवे लाइन का काम जल्द शुरू कराने की मांग लेकर डिंडौरी डेवलपमेंट फेडरेशन (DDF) ने सोमवार को SDM महेश मंडलोई को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम ज्ञापन सौंपा। फेडरेशन की अगुवाई कर रहे वार्ड-09 निवासी युवा एडवोकेट सम्यक जैन ने ज्ञापन में लिखा कि साल 2015-16 के बजट में डिंडौरी में रेलवे लाइन सर्वे सैंक्शन हो चुका है। कुल 240 किलोमीटर के जबलपुर-पेंड्रा वाया डिंडौरी लाइन को केंद्र सरकार की स्वीकृति मिल चुकी है। फेडरेशन ने सवाल उठाया कि सर्वे बजट स्वीकृति के बावजूद अब तक करीब 08 लाख आबादी वाले जिले को रेलवे लाइन की सौगात क्यों नहीं पा रही है? बेहतर ट्रांसपोर्टेशन की कमी के कारण डिंडौरी को कई तरह के नुकसान झेलने पड़ रहे हैं। रेलवे लाइन न होने के कारण बड़े निवेशक डिंडौरी तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। इससे जिले में रोजगार की कमी है, जिस वजह से ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिक बाहरी शहरों में पलायन करने को मजबूर हैं। सम्यक ने कहा कि जिले में कुल 07 ब्लॉक हैं- डिंडौरी, शहपुरा, समनापुर, अमरपुर, करंजिया, बजाग और मेहंदवानी, जहां रहने वाले लोग बस, ऑटो या व्यक्तिगत साधनों से आवागमन करते हैं। रेल यात्रा के लिए जिले के नागरिक जबलपुर, उमरिया और शहडोल पर निर्भर हैं, जबकि डिंडौरी में रेलवे लाइन की अपार संभावनाएं हैं। DDF ने जिला प्रशासन के जरिए सीएम से जल्द से जल्द डिंडौरी में रेलवे लाइन का काम शुरू कराने की मांग करते हुए कहा कि अगर सरकार ने जिले के विकास से जुड़ी मांग नहीं मानी तो फेडरेशन बड़े आंदोलन को अंजाम देगा, जिसे जिले के युवा संगठन, सामाजिक संस्थाओं सहित सभी नगरवासी समर्थन देंगे।
डिंडौरी को रेलवे लाइन से क्या लाभ होंगे?
सीएम के नाम लिखे पत्र में सम्यक ने 'लोवर काॅस्ट ऑफ लॉजिस्टिक्स', 'चीपर पैसेंजर ट्रांसपोर्ट', 'प्रॉस्पैरिटी ऑफ मार्केट', 'एंप्लॉयमेंट', 'टूरिज्म' आदि सेक्टर का जिक्र करते हुए डिंडौरी के लिए रेलवे से जुड़े फायदे भी गिनाए। उन्होंने कहा कि इंडियन रेलवेज़ वर्तमान में अमरकंटक एक्सप्रेस (12853) का संचालन कर रहा है, जो दुर्ग से भोपाल तक चलती है। लेकिन विडंबना यह है कि डिंडौरी या अमरकंटक के नागरिकों को ट्रेन का जरा भी लाभ नहीं मिलता क्योंकि इन शहरों में रेलवे लाइन ही नहीं है। डिंडौरी को रेल लाइन से जोड़ने पर न सिर्फ ट्रांसपोर्टेशन सुधरेगा, बल्कि कई अन्य तरह के लाभ भी होंगे। जिले के हजारों लोगों को उनकी योग्यता के हिसाब से रोजगार मिलेगा और बड़े शहरों के निवेशक भी जिले की ओर आकर्षित होंगे।
डिंडौरी में रेलवे लाइन स्वीकृति संबंधी पत्र 👇
जिलेवासियों ने एकमत होकर किया समर्थन
डिंडौरी को रेलवे लाइन की साैगात दिलाने की दिशा में सौंपे ज्ञापन और डिंडाैरी डेवलपमेंट फेडरेशन के प्रयासों को जिलेवासियों का भरपूर समर्थन मिला। युवाओं ने 'हम सबकी बस एक ही आस, रेलवे के लिए मिलकर करें प्रयास' 'डिंडौरी चाहे रेलवे लाइन', 'डिंडौरी के विकास के लिए हमें चाहिए रेलवे' जैसे नारे लगाए। ज्ञापन सौंपते वक्त वैभव कृष्ण परस्ते, कृष्ण पाल मरकाम, रौनक जैन, हरि राज बिलैया, कृष्णा बिलैया, कुशल राज बिलैया, नमन जैन, अर्पित नायक, महासिंह सरैया, मौसम तिवारी, सार्थक जैन, अविनाश गोग्या सहित नगर के गणमान्य नागरिक मौजूद थे।
डिंडौरीडॉटनेट की ओर से राज्यपाल से मिले थे सम्यक
डिंडौरी जिले के समुचित विकास के लिए बीते दिनों डिंडौरीडॉटनेट के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से राजभवन जाकर मुलाकात की थी। एडवोकेट सम्यक जैन, एडवोकेट हिमाक्षी उत्तमचंदानी और एडवोकेट दीपेश कुमार ठाकुर ने डिंडौरी को रिप्रेजेंट किया था। डिंडौरीडॉटनेट में प्रकाशित/प्रसारित खबरों के आधार पर राज्यपाल ने जिले को रेलवे लाइन का प्रबल हकदार बताते हुए केंद्र सरकार से चर्चा करने का भरोसा दिलाया था। सम्यक ने राज्यपाल को डिंडौरी में रेलवे लाइन की संभावनाओं के बारे में जानकारी दी थी। राज्यपाल ने डिंडौरीडॉटनेट के प्रयासों को सराहते हुए सम्यक से जिले के विकास के लिए काम करते रहने और राजभवन को रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था। आज उसी निर्देश के तहत डिंडौरी डेवलपमेंट फेडरेशन ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है।