- देवलपुर के भ्रष्ट रोजगार सहायक पर एक्शन लेने की मांग लेकर शुक्रवार दोपहर सड़क पर चक्काजाम करते ग्रामीणों को पुलिस ने किया था गिरफ्तार
डिंडौरी जिले के ग्राम देवलपुर के भ्रष्ट रोजगार सहायक पर कार्रवाई की मांग लेकर शुक्रवार को सड़क पर चक्काजाम कर रहे आरोपियों में से 12 को SDM महेश मंडलोई ने जेल भेज दिया है। वहीं, 06 लोगों को जमानत पर रिहा किया गया है। पुलिस ने 18 आरोपियों को गिरफ्तार कर मेडिकल चैकअप कराया और SDM कोर्ट में पेश किया। जहां से 12 आरोपियों को जेल और 06 को बेल मिली। SDM ने आरोपियों पर धारा 151, 107 और 116(3) के तहत कार्रवाई को अंजाम दिया है। सभी पर धारा 144 के उल्लंघन और आम रास्ते पर आवागमन प्रभावित करने के आरोप हैं। डिंडौरी आम आदमी पार्टी के जिला संयोजक अमर सिंह मार्को सहित सरवन सिंह, जगदीश ठाकुर, संतोष सिंह, शालिग राम, अनिल परस्ते, देव सिंह ठाकुर, राजेंद्र कुमार, संतराम, राकेश कुमार, गुलाब सिंह और रूपराम ठाकुर को जेल भेजा गया है।
बर्खास्त रोजगार सहायक की बहाली क्यों? सवाल अब भी कायम!
पुलिस-प्रशासन ने भले ही प्रदर्शनकारियों को आरोपी बनाकर जेल भेज दिया हो, लेकिन जनता जानती है कि यह पूरी तरह उचित कार्रवाई नहीं है। पूर्व में भ्रष्टाचार का दोषी सिद्ध हो चुके रोजगार सहायक बलराम राजपूत को सस्पेंशन के बाद बहाल कर वापस उसी ग्राम पंचायत में पोस्टिंग मिलने से ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है। सवाल अब भी अपनी जगह है कि आखिर ऐसी कौन सी मजबूरी है जो सस्पेंड रोजगार सहायक को उसी जगह पोस्टिंग दी गई, जहां वह भ्रष्टाचार के गुनहगार साबित हो चुके हैं? ग्रामीणों के अनुसार कुछ तो है, जिसकी परदादारी है। रोजगार सहायक पर कार्रवाई के लिए ग्रामीणों ने आज सुबह चक्काजाम शुरू किया। प्रशासन की समझाइश का उन पर कोई असर नहीं हुआ तो दोपहर में पुलिस ने कोविड-19 प्रोटोकॉल और धारा 144 के उल्लंघन का दोषी पाया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। हालांकि डिंडौरी SDM महेश मंडलोई और समनापुर तहसीलदार डीएस मरावी ने ग्रामीणों को कार्रवाई का भरोसा दिलाते हुए रास्ता खाली करने की समझाइश दी, लेकिन ग्रामीण नहीं माने। फिर SDOP प्रदीप विश्वकर्मा, समनापुर थाना प्रभारी उमा शंकर यादव, अमरपुर चौकी प्रभारी रंजीत सैयाम सहित पुलिस बल ने मोर्चा संभाला और प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया।