- 'स्टिकर लेडी' के नाम से मशहूर सिंगापुर की स्ट्रीट आर्टिस्ट सैम लो के साथ की साझेदारी
- सिंगापुर टूरिज्म बोर्ड की ओर से आयोजित 'आर्टवॉक-2021' के लिए बनाया अमेजिंग म्यूरल
डिंडौरी जिले के पाटनगढ़ निवासी ‘पद्मश्री’ गोंड चित्रकार भज्जू श्याम ने ‘स्टिकर लेडी’ के नाम से मशहूर फेमस स्ट्रीट आर्टिस्ट सैम लो के साथ साझेदारी कर सिंगापुर के ‘लिटिल इंडिया‘ शहर में सात मंजिला होटल पर 21 मीटर ऊंचा आर्टपीस बनाया है। सिंगापुर टूरिज्म बोर्ड (STB) ने शहर में ‘एसोसिएशन आर्टपीस’ प्रस्तुत करने के लिए स्टार्ट इंडिया फाउंडेशन (St+art) के साथ पार्टनरशिप की थी। इसके तहत डिंडौरी के ट्राइबल आर्टिस्ट भज्जू श्याम और सिंगापुर की स्ट्रीट आर्टिस्ट सैम लो ने मिलकर ‘डांसिंग इन यूनिसन’ टाइटल की विश्वस्तरीय कलाकृति को साकार किया है। यह सिंगापुर के लिटिल इंडिया शहर के सबसे बड़े भित्ति चित्र कलाकृतियों में से एक है। भज्जू बताते हैं कि कलाकृति के पीछे सैम और उनकी कई महीनों की प्लानिंग और कड़ी मेहनत है। इस रचना को मूर्त रूप देने के लिए भज्जू और सैम ने लंबे समय तक एक-दूसरे से वर्चुअल संवाद कर कॉन्सेप्ट समझा-समझाया। कोविड-19 प्रोटोकॉल के प्रतिबंधों के कारण सिंगापुर में सैम लो ने जनवरी के आखिरी हफ्ते में कलाकृति को अंजाम तक पहुंचाया। यह म्यूरल ‘आर्टवॉक-2021’ का प्रमुख आकर्षण है, जो 20 से भी ज्यादा म्यूरल्स की सीरिज का हिस्सा है। इसे लिटिल इंडिया में सार्वजानिक कला महोत्सव के पिछले 06 संस्करणों में बनाया गया है। आइए जानें, भज्जू और सैम के आर्ट पार्टनरशिप की रोचक बातें...
भारत-सिंगापुर के बीच आत्मीयता का अनोखा उदाहरण
STB के भारत, मध्य पूर्व और दक्षिण एशिया के रीजनल डायरेक्टर जीबी श्रीथर ने बताया कि स्टार्ट इंडिया फाउंडेशन के साथ फिर से साझेदारी कर बहुत ख़ुशी हुई। भज्जू श्याम सैम लो की रचना अद्भुुत और विश्वस्तरीय है। दोनों को कोविड-19 की वजह से आईं बाधाएं भी नहीं रोक पाईं और उनके जुनून ने दो देशों की सरहदों काे आसानी से पार कर लिया। भारत और सिंगापुर के बीच कला के प्रति समान आत्मीयता और भावानत्मक संबंधों को नए सिरे से प्रस्तुत करने में दोनों कलाकार पूरी तरह सफल रहे। भारतीय गोंड कला में माहिर भज्जू श्याम और समकालीन सिंगापुरी कलाकार सैम लो की साझेदारी के जरिए STB ने दुनिया को शानदार आकर्षण दिया है। भज्जू श्याम गोंड कला के सहारे जीवन निर्वाह करने वाले श्रेष्ठ कलाकार हैं।
भज्जू श्याम को वर्ष 2018 में राष्ट्रपति ने 'पद्मश्री' से नवाजा
अंतरराष्ट्रीय लोक कलाकार भज्जू श्याम का जन्म और पालन-पोषण डिंडौरी जिले के पाटनगढ़ में हुआ, जो ट्राइबल आर्ट में माहिर कलाकारों के गांव के रूप में जाना जाता है। कला के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान के लिए उन्हें 2018 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘पद्मश्री’ से नवाजा था। दूसरी ओर, सैम लो सिंगापुर की सेल्फ ट्रेंड कलाकार हैं, जिनका काम आस-पास के सामाजिक माहौल पर आधारित है। सैम पहले भी दिल्ली में आयोजित लोधी आर्ट फेस्टिवल में भारत आ चुकी हैं, जहां एक वर्कशॉप में उनकी भज्जू से मुलाकात हुई थी। भज्जू श्याम और सैम लो के समान विचारों का प्रदर्शन करती विश्वस्तरीय कलाकृति दोनों देशों के बीच आदर और कृतज्ञता का पैगाम देती है।
सैम ने स्वतंत्र वन्यजीवन, भज्जू ने बेशकीमती पर्यावरण को उकेरा
‘डांसिंग इन यूनिसन’ शीर्षक का भित्ति चित्र प्रकृति और पर्यावरण के प्रति सम्मान और कृतज्ञता प्रकट करता है। साथ ही मानव और प्रकृति के सह-अस्तित्व का अहसास भी दिलाता है। कलाकृति देखकर ऐसा लगता है, जैसे शहरी जीवन और प्रकृति मिलकर कोई उत्सव मना रहे हों। आर्टपीस में भज्जू श्याम ने ‘पेड़’ बनाए हैं, जो गोंड कला का एक प्रमुख ऑब्जेक्ट और जीवन की अनमोल जरूरत है। वहीं, इमारत की खिड़कियां शहरी वातावरण का आभास कराती हैं। भारत और सिंगापुर के आम परिंदों में सबसे प्यारी चिड़ियाओं को पेड़ की शाखाओं पर कई रंगों से चित्रित किया गया है। वहीं, सैम के चित्रों में स्वतंत्रता के प्रतीक नजर आते हैं। सैम ने हिरण बनाए हैं, जो भारत में पसंदीदा जानवर और गोंड कला के प्रति सम्मान का प्रतीक है।