- दवा व्यापारियों के समर्थन में धरने पर बैठे विधायक ओमकार सिंह मरकाम, ड्रामेबाजी के बीच कुछ लोगों ने की कार्यवाही की आलोचना तो कुछ ने ठहराया उचित
- जिला मेडिकल संघ ने भी जताया सख्त विरोध, ग्रामीण क्षेत्रों के दवा व्यापारियों ने बंद कीं दुकानें; दवाओं के लिए इधर-उधर भटकते नज़र आए आम नागरिक
डीडीएन रिपोर्टर | डिंडौरी
डिंडौरी में नियमों की अनदेखी पर जिला प्रशासन ने शुक्रवार को मां नर्मदा पुल पार स्थित डॉ. एके वर्मा और डॉ. अमित द्विवेदी की क्लीनिक सहित कुछ दवा दुकानों को सील कर दिया। फलस्वरूप सभी दवा व्यापारी एकजुट होकर प्रशासन की कार्यवाही का विरोध करने लगे। बात यहां तक पहुंच गई कि जिले के सभी ड्रगिस्ट एंड कैमिस्ट ने दुकानें बंद करने का फैसला ले लिया। साथ ही व्यापारियों का समर्थन करते हुए विधायक ओमकार सिंह मरकाम भी धरने पर बैठ गए। मामला गर्माता देख कलेक्टर रत्नाकर झा ने कदम पीछे खिंचे और सील की गई क्लीनिक सहित सभी दुकानों को खोलने का आदेश दे दिया। काफी देर तक ड्रामेबाजी के बीच कुछ लोगों ने प्रशासन की कार्यवाही का पुरजोर विरोध किया, तो कुछ लोगों ने उचित ठहराया। उचित और अनुचित की चक्की में कहीं आम जनता न पिस जाए, इसलिए कलेक्टर ने कार्यवाही रुकवाकर क्लीनिक और दवा दुकानों को खोलने की अनुमति दे दी।
किन दुकानों पर की थी प्रशासनिक अमले ने कार्यवाही
कार्यवाही के दौरान डिंडौरी SDM महेश मंडलोई, तहसीलदार बिसन सिंह ठाकुर और ASP विवेक कुमार लाल मौजूद थे। प्रशासनिक अमले के निरीक्षण के दौरान मां नर्मदा पुल पार स्थित डॉ. एके वर्मा और डॉ. अमित द्विवेदी की क्लीनिक खुली मिली, जबकि दोनों सरकारी सेवादार हैं। SDM ने तत्काल दोनों के खिलाफ पंचनामा तैयार करने के निर्देश दे दिए। इधर, नियम विरुद्ध स्टोर संचालित करने पर मां नर्मदा मेडिकल स्टोर्स और दीप मेडिकल स्टोर्स को सील किया गया था। एक अन्य मेडिकल स्टोर में स्टॉक रजिस्टर की मांग करने पर दुकानदार ने दलील दी कि हम स्टॉक रजिस्टर मैंटेन नहीं करते। सिर्फ दवाओं की खरीदी-बिक्री का रिकॉर्ड ही रखते हैं। यह दलील प्रशासनिक अमले को नागवार गुजरी और तत्काल दुकान सील करने का आदेश दे दिया गया।
जिला मेडिकल संघ ने भी कार्यवाही पर जताया सख्त विरोध
प्रशासन की कार्यवाही पर जिला मेडिकल संघ ने भी सख्त विरोध जताया। दुकान सील होने की जानकारी मिलते ही अन्य व्यापारी एक-एक करके प्रशासन के फैसले के खिलाफ खड़े होने लगे। सभ लोग इकट्ठे होकर हंगामा करने लगे। इसी बीच डिंडौरी विधायक मरकाम भी व्यापारियों के समर्थन में उतर आए और धरना देने लगे। उन्होंने कोरोना के भीषण समय में दवा दुकानों पर प्रशासन की कार्यवाही को अनुचित बताया। दूसरी ओर, कलेक्टर रत्नाकर झा ने अमले से मोबाइल पर मामले की जानकारी हासिल की। अमले ने कलेक्टर को सारा घटनाक्रम फोन पर कह सुनाया। मामले की गंभीरता को समझते हुए कलेक्टर ने सील की गई क्लीनिक और दवा दुकानों को फिर से खोलने का आदेश दे दिया।
ग्रामीण क्षेत्रों के दवा व्यापारियों ने भी बंद कर दीं दुकानें
प्रशासन की कार्यवाही पर जिला मेडिकल संघ ने भी सख्त आपत्ति जताई। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के व्यापारियों ने दुकानें बंद कर अपना विरोध दर्ज कराया। बजाग, करंजिया, गोरखपुर और गाड़ासरई सहित अन्य क्षेत्रों के व्यापारी भी दुकानें बंद करने लगे। एकसाथ जिले की सभी मेडिकल दुकानें बंद होने से आम जनता में अफरा-तफरी का माहौल उत्पन्न हो गया। दवाओं के लिए परेशान लोग यहां-वहां भटकते नज़र आए। हालांकि स्थिति बिगड़ने से पहले ही कलेक्टर के दुकानें खुलवाने के आदेश ने मामले को संभाल लिया।