- एशियन एकेडमी ऑफ फिल्म एंड टेलीविजन, रायपुर के स्टूडेंट हैं डिगंबर और अंकित, किताब में राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक विषयों का सहज वर्णन
डिंडौरी जिले के शाहपुर निवासी डिगंबर सिंह पट्टा ने लॉकडाउन के खाली समय का सदुपयोग करते हुए सतना के अंकित कुमार मिश्रा के साथ 'दास्तां-ए-अल्फ़ाज़' किताब का लेखन किया है। डिगंबर जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) संस्था के संगठन मंत्री हैं और अंकित के साथ एशियन एकेडमी ऑफ फिल्म एंड टेलीविजन, रायपुर में पढ़ाई कर रहे हैं। किताब की ऑनलाइन कॉपी गूगल बुक्स सहित अमेजन और फ्लिपकार्ट पर भी उपलब्ध है। डिगंबर ने बताया कि उन्होंने बुक में राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक विषयों समेत उन मुद्दों पर फोकस किया है, जिन पर आसानी से किसी की नजर नहीं जाती। हर वर्ग के पाठकों की रुचि का ध्यान रखते हुए किताब में सरल भाषा का उपयोग किया गया है। किताब की वर्चुअल लॉन्चिंग जूम एप के जरिए बुधवार को की गई। इसमें चीफ गेस्ट के रूप में अमरकंटक ट्राइबल यूनिवर्सिटी के प्रोफेर डॉ. मोहन लाल चढ़ार मौजूद थे। जयस प्रदेशाध्यक्ष डॉ. दिग्विजय मरावी, रायपुर से शिखा वर्मा, सिनेमैटोग्राफर संतोष स्वर्णकार, फिल्म डायरेक्टर मुकेश कुमार, फिल्म एडिटर बिरजू रजक आदि भी ऑनलाइन कनेक्ट हुए। बुक की समीक्षा नवोदय विद्यालय समिति के शिक्षक मो. अयाज अंसारी, अजय साहू, संचिता बैनर्जी और रवि आर्मों ने की है।