डीडीएन रिपोर्टर | डिंडौरी
सरस्वती उच्चतर माध्यमिक विद्यालय डिंडौरी के पूर्व छात्रों ने गुरुपूर्णिमा के पावन अवसर पर शनिवार को उपहार और श्रीफल देकर आचार्यों का सम्मान किया। यहां पूर्व छात्र रविराज बिलैया, पंकज सिंह तेकाम, अवध राज बिलैया, राजेंद्र बर्मन, कान्हा प्रश्नाणी, अंशुल जैन, उल्लास जैन, नीरज पाठक, चंद्रशेखर नायक, हर्षित उपाध्याय, मानस द्वीवेदी ने गुरु के आदर में दिल को छू लेने वाली भावनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने कहा कि गुरु की महिमा का बखान करना असंभव है। गुरु ही हमें समाज के रहने लायक प्राणी बनाते हैं। कार्यक्रम में अतिथि के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मंडला-डिंडौरी विभाग कार्यवाह प्रकाश चंद्र मिश्रा, विद्यालय समिति अध्यक्ष अशोक अवधिया, व्यवस्थापक नरेंद्र सिंह राजपूत, कोषाध्यक्ष शिखा राय, प्राचार्य हरिनारायण सिंह, प्रधानाचार्य ओमप्रकाश श्रीवास आदि उपस्थित रहे। प्रकाश चंद्र मिश्रा ने कहा, जब छात्र गुरु से आगे बढ़ जाता है तभी गुरु को आत्मसंतोष प्राप्त होता है। नरेंद्र सिंह राजपूत ने कहा, शास्त्रों में गुरु की तुलना ईश्वर से की गई है। प्रथम गुरु मां होती है, जिससे हमें संस्कार प्राप्त होते हैं। अशोक अवधिया ने कहा, गुरु शब्द की महिमा अलग है। गुरु बनना बहुत कठिन है।