- डिंडौरीडॉटनेट ने 19 जून 2020 को प्रमुखता से प्रकाशित किया था मामला, आज़ादी के वर्षों बाद भी मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे ग्रामीण
- एडवोकेट सम्यक ने 16 अगस्त को राष्ट्रपति को भेजी थी लैटर पिटीशन, राष्ट्रपति भवन से सीएम हेल्पलाइन को भेजे गए निर्देश
डीडीएन रिपोर्टर | डिंडौरी/भोपाल
डिंडौरी के मां नर्मदा गंज निवासी युवा एडवोकेट सम्यक जैन की पिटीशन पर राष्ट्रपति भवन ने संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश सीएमओ को निर्देश भेजे हैं। सीएमओ ने डिंडौरी जनपद पंचायत सीईओ गणेश पांडेय को पत्र भेजकर निराकरण कराने को कहा है। एडवोकेट सम्यक ने 16 अगस्त को जिले के ग्राम केवलारी रैयत के संगम टोला और कछरा टोला की मूलभूत समस्याओं को लेकर राष्ट्रपति को लैटर पिटीशन भेजी थी। आज़ादी के दशकों बाद भी यहां के 80 परिवारों को बिजली-पानी का इंतजार है। सड़क का नामोनिशान नहीं है। बारिश के दिनों में ग्रामीण बच्चों को नदी तैरकर स्कूल जाना पड़ता है। स्वास्थ्य सेवाएं शून्य हैं। मरीज को खाट पर ले जाने को ग्रामीण मजबूर हैं। एडवोकेट सम्यक की पिटीशन राष्ट्रपति भवन ने मध्यप्रदेश सीएम हेल्पलाइन के लिए फॉरवर्ड की और सीएमओ को जल्द निराकरण कराने के निर्देश दिए। फिर सीएमओ ने डिंडौरी जनपद पंचायत सीईओ को पत्र भेजकर आदेशित किया कि केवलारी रैयत में मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था और विस्तार किया जाए। सीईओ ने संबंधित विभागों को आधिकारिक पत्र भेजकर जल्द कार्य शुरू कराने को कहा। स्वास्थ्य सेवाओं के लिए स्वास्थ्य विभाग, पक्की सड़क के लिए पीएम ग्राम सड़क योजना, खरमेर नदी पर पुल के लिए लोक निर्माण विभाग, विद्युत व्यवस्था के लिए एमपीईबी, पेयजल व हैंडपंप के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग सहित अन्य विभागों को निर्देशित किया गया है।
बता दें कि 19 जून 2020 को डिंडौरीडॉटनेट ने केवलारी रैयत के संगम टोला और कछरा टोला की समस्याओं को प्रमुखता से प्रकाशित/प्रसारित किया था।
लैटर पिटीशन में एडवोकेट सम्यक ने क्या लिखा?
सरकार 'डिजिटल इंडिया' का जोर-शोर से प्रचार-प्रसार कर रही है, लेकिन सरकार के वादे-दावे और हकीकत अलग हैं। डिंडौरी जनपद के दो गांवों में आजादी के वर्षों बाद भी करीब 80 परिवार सड़क, पानी, बिजली, पुल, स्वास्थ्य सेवाओं जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। डिंडौरी के कॉलेजों में अध्ययनरत गांव के युवा कहते हैं कि उनके दादा-दादी, नाना-नानी के समय भी गांव में यही समस्याएं कायम थीं, जो आज भी बरकरार हैं। इसे लेकर एडवोकेट सम्यक ने राष्ट्रपति भवन तक बात पहुंचाई और निराकरण का निवेदन किया था।