- रांची के सुपरिचित फिल्मकार अशोक शरण ने किया सीरियल का निर्माण और निर्देशन, खुद भी निभाया नक्सली का प्रभावी किरदार
- 08 नवंबर से हर सोमवार से शुक्रवार रात 08:30 बजे होगा प्रसारण, ओमकार दास मानिकपुरी सहित अन्य अभिनेताओं ने निभाए अहम रोल
- भोपाल, सांची और रायसेन की खुली वादियों में हुई शूटिंग, देखने मिलेगी नक्सली पृष्टभूमि पर आधारित साफ-सुथरी प्रेम कहानी
डीडीएन रिपोर्टर | डिंडौरी/भोपाल
दूरदर्शन (डीडी किसान) पर 08 नवंबर की रात 08:30 बजे से प्रसारित होने वाले धारावाहिक 'लौट के आए मेरे मीत' के लिए डिंडौरी के गीतकार रवि राज बिलैया ने टाइटल ट्रैक सहित पांच गीतों का लेखन किया है। इसका लेखन, निर्माण और निर्देशन रांची के सुपरिचित निर्माता-निर्देशक अशोक शरण ने किया है। सीरियल का प्रसारण हर सोमवार से शुक्रवार रात 08:30 बजे से किया जाएगा। इसमें ओमकार दास मानिकपुरी, अजय सिंह पाल, ऊषा सिंह, शबनम पाटिल, बालेंद्र सिंह, आशी मालवीय, वंशिका सिंह परिहार, पंकज द्विवेदी, अरुण सिंह आदि कलाकारों ने अहम रोल निभाए हैं। वहीं, खुद अशोक शरण ने भी नक्सली का प्रभावी किरदार अदा किया है। गीतकार रवि राज ने बताया कि सीरियल में अमित शरद त्रिवेदी ने दिलकश संगीत दिया है। एपिसोड निर्देशक वीरेंद्र पासवान हैं। कैमरे पर संजय सिंह, मनोज शरण और श्रीजय कुमार ने कमाल दिखाया है।
हॉस्पिटल में भर्ती मां की देखरेख करते हुए गीतों में पिरोया भावनाओं का सागर
गीतकार रवि राज ने डिंडौरीडॉटनेट को बताया कि उन्हें निर्माता-निर्देशक अशोक शरण ने जब गीत लिखने का ऑफर दिया, तब उनकी मां जबलपुर में हॉस्पिटल में भर्ती थीं। पांच में से तीन गीत उन्होंने हॉस्पिटल में ही लिख डाले। चूंकि सीरियल की पृष्ठभूमि प्रेम और भावनाओं पर केंद्रित है, लिहाजा टीम ने उनसे गीतों में गहरे जज़्बात पिरोने की मांग रखी। इस पर रवि राज ने अपनी भावनाओं को समेटा और हॉस्पिटल में मां की देखरेख करते हुए गीतों का लेखन किया। उन्होंने गीत लिखकर निर्देशक और संगीतकार को भेजे, जो पूरी टीम को काफी पसंद आए और तत्काल फाइनल कर लिए गए। इससे पहले रवि राज मां नर्मदा सहित दुनियाभर की जीवनदायिनी नदियों के संरक्षण पर केंद्रित 'संकल्प उठाना है' और 'नर्मदे हर तू गाए जा' वीडियो एलबम के लिए भी गीत लिख चुके हैं। साथ ही शौकिया तौर पर इनमें अभिनय भी किया है।
सीरियल में दिखेगी नक्सलियों के डर में धीमी पड़ी विकास की रफ्तार और प्रेम की बयार
निर्माता-निर्देशक अशोक शरण ने डिंडौरीडॉटनेट को बताया कि सीरियल में दबंग लोगों का दबदबा और नक्सलियों के डर में धीमी पड़ी विकास की रफ्तार के बीच पनपती प्रेम कहानी को आधार बनाया गया है। इसकी शूटिंग भोपाल, सांची और रायसेन की खुली वादियों में की गई है। उन्होंने कहा कि सीरियल में दर्शकों को निश्चित तौर पर अलग और सामाजिक स्थितियों पर केंद्रित कहानी से रूबरू होने का मौका मिलेगा। बता दें कि अशोक शरण जनजातीय विषयों पर आधारित 200 से अधिक डॉक्यूमेंट्री तैयार कर चुके हैं। वह धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के जीवन को प्रदर्शित करती फीचर फिल्म 'उलगुलान' भी बना चुके हैं। अशोक शरण वर्तमान में केंद्रीय फिल्म प्रमाणन (सेंसर) बोर्ड के सदस्य भी हैं।